वक्त का चक्र है बड़ा जादुई,
जो कपड़े पहले पसंद नहीं आते थे
वो जब पसंद आए तो छोटे पद गए,
जो चद्दर पहले बहुत बड़ी लगती थी
अब उससे पैर बाहर निकलने लगते है।
वक्त का चक्र है बड़ा जादुई,
जिस टाइमटेबल को देखकर पहले गुस्सा आता था,
अब उससे पुरानी यादें ताज़ा होती है,
वो नन्हें हाथ जो कभी पेंसिल भी नही पकड़ पाते थे,
अब पैन नहीं छोड़ पाते।
वक्त का चक्र है बड़ा जादुई,
वो माँ की दी हुई चाय पीना भूल जाते थे,
पर अब १० रुपए की चाय पीना नहीं भूलते,
पापा की डांट से बचने के लिए माँ के पास छिप जाते थे,
अब बॉस की डांट से बचने के लिए काम करते है।
- Haripriya R. Kulkarni
Wow. The truth of life penned so well and in simple words. Proud of you. Stay blessed always. Savithri Iyer 💖
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